लोकसभा चुनाव प्रचार में बीजेपी नेता अमित शाह नोएडा में करेगे शिरकत/ वही कांग्रेसी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा करेगी उत्तराखंड में यह काम?

लोकसभा चुनाव प्रचार में लगी है सभी पार्टियां, बता दे कि 17 तारीख को लोक सभा चुनाव का पहला चरण शुरू होगा! वही सभी पार्टियां लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में लगी हुई है सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के नेता और वर्तमान गृह मंत्री 13 अप्रैल के शाम को नोएडा के जनता को संबोधित करेंगे ! वही लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा भी उत्तराखंड के राम नगर में सार्वजनिक सभा करेगी

भारतीय जनता पार्टी कर रही है कांग्रेस पर पलटवार

लोकसभा चुनाव प्रचार में सभी राजनैतिक पार्टियां जुबानी युद्ध में लगे हुए हैं, वही पिछ्ले कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव प्रचार को मद्दे नज़र रखते हुए चुनाव घोषणा पत्र को लोगो के बीच पढ़ कर सुनाया था , उसके अगले ही दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने चुनाव घोषणा पत्र को राजस्थान के जनता को संबोधित करते हुए सुनाया था!

उसी पर तंज कसते हुए राजस्थान पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के नेता और वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग की कॉपी है, कांग्रेस के पास देश के विकास के लिए कोई भी विजन नही बचा है, कांग्रेस पार्टी अब एक सिद्धांत हीन पार्टी है और एक सिद्धांत हीन पार्टी न स्वयं का विकास कर सकती हैं न ही जनता का विकास कर सकती हैं, कांग्रेस ने पहले भी देश को लूटा था और कांग्रेस को आगे मौका मिला तब भी वो देश को लूट लेगी!

तो वही लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी के वायनाड से लड़ने पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अमेठी की जनता ने बता दिया था कि वहां आज तक विकास नही हो पाया था क्युकी वहा कि जनता गलत प्रत्याशी को चुनती आ रही थी!

हलांकि जुबानी युद्ध के अलावा लोकसभा चुनाव प्रचार में और भी बहुत से मुद्दे है जो राजनैतिक पार्टियों द्वारा उठाया जाना चाहिए जैसे कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव प्रचार करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्चा थीबू के मुद्दे को उठाया था!

क्या ये वही मुद्दे है जिन्हे लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उठाना चाहिए?

सवाल ये है कि हम अभी भी ऐसी मानसिकता से जूझ रहे हैं, जहां लोकसभा चुनावी प्रचार आज भी तीखे टिप्प्णी के साथ किया जाता हैं, जबकि भारत के पास कई ऐसे गंभीर मुद्दे है जिन पर चर्चा किया जाना चाहिए , क्या भारत को रोजगार जैसे विषय पर चर्चा की आवश्यकता नहीं है? क्या भारत को स्वास्थ और शिक्षा पर चर्चा नही करनी चाहिए , ? क्या भारत को सीमा रक्षा और आतंकवाद पर चर्चा नही करनी चाहिए या फिर महिला सुरक्षा और महिला आत्मनिर्भरता पर बात नही करनी चाहिए?

जी हां ये कुछ ऐसे मुद्दे है जो भारत के लिए गंभीर चर्चा के विषय है लेकिन हैरानी कि बात यही है लोकसभा चुनाव प्रचार में जितनी भी राजनैतिक पार्टियां हैं वो सभी जुबानी वार को इन गंभीर मुद्दों से अधिक अहमियत देते हैं!

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