Pm Modi 2014 से भारत के प्रधान मंत्री है और लगातार Pm Modi काम कर रहें हैं लेकिन Pm Modi ने कभी देश के काम को धार्मिक नजरिए से नही देखा है। हलांकिभारतीय जनता पार्टी पर लगातार आरोप लग रहें हैं कि जबसे भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है तब से समाज में धार्मिक अलगाव ने अपनी जड़े मजबूत कि है , चुनावी प्रचार के समय भड़काऊ भाषण तो भारतीय राजनीति में आजकल आम हो गया है लेकिन तब क्या जब देश के सबसे जिम्मेदार व्यक्ति Pm Modi खुद भड़काऊ भाषण देने पर उतर आए……Pm Modi ने बांसवाड़ा में दिए अपने भाषण से विवादो में आ गए है।
मुसलमान और सिंदूर कि बात कही।
Pm Modi जिनके हर भाषण के बाद देखा जाता है कि उसमें कितना झूठ है ,उसमें कितनी नफरत है। विपक्ष का कहना है कि “”मुसलमान उनके भाषण में ना आए तो लगता ही नहीं कि उनका भाषण है वह खुद ही साबित किए जा रहे हैं कि उनकी राजनीति की बुनियादी इस नफरत पर खड़ी, उसी के सहारे चुनाव जीते रहे हैं। आगे विपक्ष ने कहा कि pm Modi ने भासवाड़ा के भाषण में कहा कि “””महिलाओं का मंगलसूत्र मुसलमानो मे बांट दिया जायेगा।
उसके बिना नहीं जीत सकते है ,राजस्थान के बांसवाड़ा में Pm Modi का बयान शर्मनाक और झूठ के अलावा नफरत की भाषण की कैटेगरी में भी आता है ,नवरात्रि भाषणों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई बार ठोस टिप्पणियां की है और आदेश दिए लेकिन Pm Modi वोट के लिए पहले भी ऐसे कई बयान दिए हैं ,कभी कपड़ों से पहचान की बात की है तो कभी कुछ और कहा है लेकिन इस बार उनका यह प्रयास और बयान बता रहा है।
कि वे 100 चुनाव जीत जाए लेकिन बिना मुसलमान ,मुस्लिम लीग मस्जिद के एक भाषण नही दे सकते है। विपक्ष का कहना है कि Pm Modi के भाषण से मुसलमान और मछली जैसे मुद्दे निकाल दिए जाए तो कुछ भी नहीं बचता है , राजस्थान बांसवाड़ा कि आबादी 20 लाख से अधिक है और यहां जनजातीय समाज की बहुलता और यहां गरीबी बहुत अधिक है।
लोगों की कमाई कम है ,कुपोषण की गंभीर समस्या है ऐसी जगह पर उन्हें बताना चाहिए था कि आपकी कमाई कैसे बढ़ेगी मुसलमान और मंगलसूत्र पर बोलकर क्या राजस्थान के इन जिलों का विकास मुसलमान या मुस्लिम लीग जैसे बातों से हो सकता है…..? आगे विपक्ष ने कहा बांसवाड़ा का PM Modi का भाषण बता रहा है कि वह मुसलमान के खिलाफ नफरत की बात किए बगैर भाषण नहीं दे सकते उनकी राजनीति का मूल ही यही है।
नागरिक चुनाव आयोग को Pm Modi के भाषण को टैग कर सवाल पूछ रहे हैं… आखिर भड़काऊ भाषण पर कारवाई कब होगी ? कई लोग इस भाषण के कारण प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयोग सुखबीर सिंह संधू हैं, लोग उनकी तस्वीरों के साथ पूछ रहे हैं कि क्या आयोग कोई सख्त कदम उठाएगी या इसे अनदेखा कर देगी ….?उठाएगी तो कब उठाएगी ?
क्या Pm Modi विकास की बात पर चुनाव जीत ही नहीं सकते है। उनके लिए जरूरी है कि मुद्दा भावुक हो 2019 में पुलवामा के बाद शहीदों के नाम पर वोट मांगा गया मिल भी गया …. और चुनाव भी जीते … लेकिन क्या इतने ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति का भड़काऊ भाषण देना जायज है?