loksabha election 2024: राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच संघर्ष कोई नया नही है, प्राचीन समय में भी राज्य और केंद्र के मुद्दे को लेकर काफी संघर्ष रहा है, मध्य काल के भारत में भी केंद्रीय सत्ता मुगल और राज्यो के बीच कई संघर्ष मिले है , इसके बाद आधुनिक भारत के इतिहास में भी केंद्र और राज्य के मध्य मुद्दे उलझन भरे है, वही स्वतंत्र भारत में भी केंद्र और राज्यों के मध्य संबंध तनाव पूर्ण ही रहे हैं!
हालिया मामला: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के मध्य विवाद कम से कम होने चाहिए , बेहतर होगा अगर केंद्र और राज्य के संबंधों में तनाव के तत्व न हो !
क्या है पूरा मामला :: बता दे कि भारत के कुछ राज्य सरकारों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कि थी , जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आगाह किया कि केन्द्र सरकार की नीति राज्यो ऐसी होनी चाहिए जिससे राज्य सरकारों को सहयोग अधिक से अधिक मिले !
किन राज्यो ने केंद्र सरकार के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कि थी और क्या थी याचिका दायर करने कि वजह:: केंद्र सरकार के खिलाफ़ याचिका दायर करने वाले दक्षिण भारत के कुछ राज्य थे, जिसमे कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्य शामिल हैं! बता दे कि इन राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में वित्तीय सहायता को लेकर याचिका दायर कि थी ,
जहां कर्नाटक राज्य का कहना है कि गंभीर मानवीय संकट के समय राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता कि गुहार लगाई थी उसे केंद्र सरकार ने सिरे से खारिज़ कर दिया!
वही केरल राज्य का कहना है कि “””कि राज्य वित्तीय आपातकाल के कगार पर है और साथ ही साथ केंद्र पर उधार शुल्क को लेकर आरोप लगाया !
तमिलनाडु राज्य ने भी केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि “””” केंद्र सरकार तमिलनाडु सरकार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है!
वही आलोचकों का कहना है कि केंद्र सरकार उन राज्यों के साथ अधिक सौतेला व्यवहार करती है जहां जहां केंद्र सरकार की पार्टी राज्यो में नही है , हलांकि केंद्र सरकार ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज़ करते हुए कहा है कि केंद्र ने किसी भी राज्यो के साथ सौतेला व्यवहार नही किया है बल्कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप ही कार्यों का निष्पादन किया है !
केंद्र सरकार के तर्क : केंद्र सरकार ने याचिका पर अपना तर्क पेश करते हुए कहा है कि “””””लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार की छवि को खराब किया जा रहा है, जनता के सामने केंद्र सरकार के कार्यों कम आंकने के लिए विपक्ष ने राज्यो के साथ मिल कर केंद्र की छवि खराब करने की कोशिश की है, केंद्र सरकार ने राज्यो के साथ कोई भेदभाव पूर्ण व्यवहार नही किया है , बल्कि केंद्र सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप रह कर ही कार्य किया है!