Iran israel war’s weak link/एक रास्ता और पूरी दुनियां के लिए खतरा… ईरान इजराइल युद्ध में एक और मुश्किल….. पढ़िए पूरी खबर

iran israel war’ एक बड़ी खबर ये है कि ईरान युद्ध से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं, अगर iran israel war आगे बढ़ा तो सम्पूर्ण विश्व के तीसरे विश्व युद्ध कि शुरूआत होने का खतरा मंडराता रहेगा, वही हाल ही में रूस ने ईरान को अपना समर्थन दिया था और, पूरा विश्व जानता है कि अमेरिका इजराइल को अपना समर्थन ब्रिटिश शासन से देता आ रहा है, अब अगर विश्व युद्ध आगे बढ़ा तो विश्व के दो महा शक्ति आमने सामने आ जाएगी और अमेरिका और रूस के आमने सामने आते ही थर्ड विश्व युद्ध होना तय है, लेकिन iran israel war में एक और कमजोर कड़ी सामने आ रही है जो पूरे विश्व के एक खतरे कि घंटी बन सकती हैं।

iran israel war में वो कमजोर कड़ी में हिंद महासागर और लाल सागर के बीच के जलडमरू मध्य….. सरल शब्दों में कहें तो जब दो वाटर बॉडी एक पतले पट्टी वाले वॉटर वे के जरिए यानि कि जलमार्ग के जरिए आपस मे जुड़ते हैं तो इसे जलडमरू मध्य कहते हैं।

क्योंकि इनका आकार देखने में डमरू जैसा लगता है इसलिए इन्हे जलडमरू मध्य भी कहते हैं, ऐसा ही एक जलडमरू मध्य है स्ट्रेट ऑफ हार्मुज जो ओमान कि खड़ी और पर्सियन खड़ी के मध्य में पड़ता हैं, जो भूमध्यसागर सागर से लगे सभी देशों और यूरोपीय देशों को पूर्वी एशियन देशों से जुड़ता है।

हार्मूज कि जलसंधि लगभग 40 किलोमीटर चौड़ी समुद्री पट्टी हैं, लोकेशन कि वज़ह से हार्मूज जलडमरू मध्य काफी महत्वपूर्ण है, इसकी सामरिक महत्व कि बात करे तो इस रास्ते से दुनियां के एक तिहाई तेल का आयात और निर्यात होता है। जो वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण है, स्ट्रेट ऑफ हार्मुज मध्य पूर्व एशिया को यूरोप और अफ्रीका से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है।

इसके आर्थिक महत्व कि बात करे तो इससे प्राप्त होने वाला जहाज़ शुल्क ईरान और ओमान के लिए महत्वपूर्ण इनकम का जरिया है और ये हजारों लोगो के लिए इनकम का जरिया है इतना ही नहीं ये टूरिज्म और मछली उद्योग का मेन साधन है।

iran israel war में वास्तव में स्ट्रेट ऑफ हार्मुज कि काफी जटिल है क्योंकि ये फारस कि खड़ी से खुले महासागर कि ओर जाने एक मात्र रास्ता है। यानि कि ये रास्ता ग्लोबल इकॉनमी कि नाजुक कड़ी है अब चिन्ता का विषय ये है कि iran israel war में अगर इस मार्ग को अचानक से बंद कर दिया जाए तो क्या होगा……? अगर ऐसा हुआ तो कच्चे तेल और बाकी चीजों कि कीमत बढ़ सकती हैं, क्युकी बड़ी मात्रा में तेल का व्यापार इसी रास्ते से होता है।

स्ट्रेट ऑफ हार्मुज से भारत जैसे देश सऊदी अरब, ईराक और यूएई से कच्चा तेल आयात करता है। अगर इस रास्ते को iran israel war के चलते ईरान ने इसे अपने कब्जे में ले लिया तो दुनियां में फ्यूल का बहुत बड़ा संकट पैदा हो सकता है। दुनियां कि आधी से ज्यादा देशों में कच्चे तेल कि कीमत आसमान छूने लगेगी इसके बाद गैस और तेल कि कमी को न अमेरिका पूरा कर सकता है और न ही रूस पूरी कर सकता है।

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