ncrb Report 2022: आखिर भारतीय युवा इतनी बड़ी संख्या में क्यो कर रहे हैं आत्महत्या? जानिए पूरी खबर ..

ncrb Report 2022: जहां भारत दुनिया कि सबसे अधिक आबादी देश है , जिनमे सबसे अधिक कार्यशील युवा आबादी है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर भारतीय युवा इतनी बड़ी संख्या में क्यो कर रहे हैं आत्महत्या…

ncrb Report: रिपोर्ट के हिसाब से भारत में 2022 में सबसे अधिक आत्महत्या हुई है,1.71 लाख लोगों ने आत्महत्या की जो 12% के आस पास है, अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है , हलांकि अनुमान है है कि इससे अधिक आत्महत्याएं हुई है लेकिन आंकड़ा मौजूद नही है!

41% आत्महत्या युवा आबादी करती है, युवा महिलाओं में आत्म हत्या अधिक देखी गई है!

भारत में युवा आबादी क्यो जा रहीं हैं आत्महत्या कि तरफ: रिपोर्ट कि माने तो सबसे अधिक आत्महत्या मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर होती है 54% ( डिप्रेशन), पारिवारिक मुद्दे, पढ़ाई की चिंता, सामाजिक जीवन असफता, इक्नोमिकल संकट, ये सभी ऐसे कारण हैं जो युवा आत्महत्या की संख्या को बढ़ा देते हैं!

महिलाओं में आत्महत्या के कारण क्या क्या है? महिलाओं में सबसे अधिक आत्महत्या अरेंज्ड मैरिज और कम उम्र में विवाह के वजह से होती है , साथ ही साथ , कम उम्र में मां बनना, समाज में लड़कियों को कम समझना, घरेलू हिंसा,, ये सभी सम्मिलित कारण मिल कर महिलाओं में आत्महत्या कि प्रवृति को बढ़ाते है!

युवाओं में आत्महत्या कि प्रवृति अधिक क्यो है: ज्यादा तर मामलो में युवाओं में सेक्सुअल हैरेसमेंट आत्महत्या का कारण बनता है, इसके बाद इग्जाम में फेल होना, पैरेंट्स द्वारा फोर्स किया जाना, जातिगत भेदभाव के साथ साथ नशीली दवाओं का सेवन भी शामिल है, इन्ही सारे वज़ह को मिला कर भारत में आत्महत्या अधिक संख्या में देखी जाती हैं!

सरकार की आत्महत्या रोक थाम नीति क्या है:2019 में भारत सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन किया जिसका उद्देश्य 2030तक आत्महत्या में 10% कि कमी लाना था , इसके साथ ही साथ जिला स्वस्थ केंद्र पर भी आत्म हत्या से निपटने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं!

वास्तविक समाधान क्या है: नियम होने के बावजूद भारत में साल दर साल आत्महत्याएं बढ़ती जा रही है, इसका अर्थ यही हुआ कि आत्महत्या को नियम बना कर नही रोका जा सकता है, आत्महत्या एक मानसिक प्रवृति है , जिसे नियम के साथ नही बल्की जागरूकता के साथ ही खत्म किया जा सकता है, जहां समाज वालो को जागरूक किया जाना चाहिए कि लड़कियों कि शादी अरेंज्ड मैरिज या फिर कम उम्र पर न कराए, कम उम्र पर मां बनने वाली लड़कियों को समय समय पर जागरूकता अभियान के तहत हिम्मत देनी चाहिए… इसके बाद जागरूकता अभियान पैरेंट्स के लिए चलाया जाना चाहिए ताकि वो अपने बच्चे को पढ़ाई या किसी भी चीज़ को लेकर इतना फोर्स न करे कि वो आत्महत्या करने को मजबूर हो जाय!

यदि आपका मन भी कभी कभी आत्महत्या कि तरफ आकर्षित होता है, तो सरकारी इमरजेंसी नंबर पर तत्काल कॉल करे, और साथ ही साथ स्वयं के प्रति जिम्मेदार बने कि आत्महत्या सिर्फ़ और सिर्फ़ एक नकारात्मक क्रिया है , इस बात को समझे!

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