Pm Modi इस बार जमीनी स्तर से जुड़े हैं लोकसभा चुनाव कि तैयारी में,19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण कि शुरूआत हुई लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ राज्यो के अधिक से अधिक जनता ने लोकसभा में मतदान नही किया है, जिसमे उत्तर पूर्व के राज्य भी शामिल है, आखिर लोगो कि रुचि मतदान से क्यो घट रही है एक बड़ा सवाल है।
मतदान के बहिष्कार की सामान्य घटना नही है कि लोगों ने उसे किस तरह से रिजेक्ट कर दिया दे कि उत्तर पूर्व के नागालैंड के मंत्री के घर के बाहर ही उन्हे मतदान केंद्र पर जाने से रोका गया, पूर्वी नागालैंड पीपल्स आर्गेनाइजेशन के वालंटियर ने घर को बाहर से घेर लिया ताकि वोट न दे सके।
चुनाव आयोग का डाटा है कि नागालैंड में 56.91% मतदान हुआ है ,चर्चा इस पर होनी चाहिए कि देश के एक राज्य के लोगों ने आखिर क्यों मतदान नही किया, मगर इस पर कोई बात नही हो रही है,फरवरी मार्च 2023 में नागालैंड में विधानसभा चुनाव हुए पूर्वी नागालैंड पीपल्स आर्गेनाइजेशन ने बहिष्कार का ऐलान किया लेकिन गृह मंत्री ने हस्तक्षेप किया और आश्वासन दिया कि 6 जिलों को अलग प्रशासनिक यूनिट में बदल दिया जाएगा ताकि यहां के लोग अपना प्रतिनिधि चुने और विकास के पैसे को अपने हिसाब से इस्तेमाल करें।
लेकिन अब लोकसभा के चुनाव से पहले उनकी मांग क्यों नहीं मानी गई ……? अब नागालैंड के लोगो ने 100% वोट न देकर इन्होंने अपने मुद्दे को पूरे देश में पहुंचा दिया है संकल्प लिया जा रहा था इन 6 जिलों में 100% मतदान न होना बेहद चिंता का विषय नागालैंड है।
तो वही 12 अप्रैल को ही प्रधान मंत्री Pm Modi की वेबसाइट पर एक लेख डाला गया है कि मोदी सरकार ने नगालैंड के लिए क्या-क्या कर दिया ,इस आर्टिकल के अनुसार नागालैंड अमेरिका से सभी आगे निकल चुका है, लिखा है कि नागालैंड विकास के पद पर अग्रसर है मगर इसी राज्य के 6 जिलों के से चार लाख मतदाता वोट डालने क्यो नहीं गए ?
बीजेपी के मुताबिक़ Pm Modi ने पूर्वोत्तर में अभूतपूर्व कार्य कर दिया है तो वहां Pm Modi प्रचार तक करने नहीं गए तो वही मणिपुर में मतदान के समय वोट लूटने से लेकर ईवीएम मशीन जलाने की घटना हुई, गोलियां चली मतदान केंद्रों के बाहर पांच जगह महिलाएं हिंसा का विरोध कर रही थी। मणिपुर के बारे में चुनाव आयोग का डाटा कहता है कि 72.17% मतदान हुआ है मणिपुर में अधिकतर जनता ने मतदान में भाग नही लिया।
वहीं उत्तराखंड कि बात करे तो वहां भी मतदान में अधिकतर लोगो ने भाग नही लिया और मतदान का पहला चरण भी खतम हो गया है, चिन्ता का विषय है कि जिस देश को सक्रिय लोकतन्त्र के रुप में पहचान मिली, उसी देश कि जनता लोकतांत्रिक कार्यों में भागीदारी लेने में रुचि नहीं दिखा रहीं है, आखिर ऐसा क्यों है और इतनी बड़ी संख्या में लोग मतदान क्यो नही कर रहें हैं।