Dubai flooding 2024 increased the concern of experts/ बाढ़ में डूबा पूरा दुबई बाढ़ कि असली वजह कर देगी हैरान।

Dubai flooding 2024 ने वैज्ञानिकों कि चिन्ता और अधिक बढ़ा दी है जहां आईपीसी कि रिपोर्ट ने 2024 को जलवायु परिवर्तन के मामले में सबसे संवेदनशील कहा है वही 2024 में सूखा, बाढ़, आंधी, तूफ़ान, बारिश अन्य सालो के मुकाबले इस साल ज्यादा होगी लेकिन Dubai flooding 2024 में बाढ़ किसी जलवायु परिवर्तन के कारण नही आया है बल्कि दुबई ने जो कृत्रिम वर्षा कराई है ये Dubai flooding 2024 उसी का नतीजा है।

क्या है पूरा मामला।

दुबई शहर हमेशा से ही अपने लग्जरी होटल ऊंची ऊंची इमारत जैसे की बुर्ज खलीफा और लग्जरी कार आदि की वजह से लाइम लाइट में रहा है ,क्योंकि इससे पहले किसी और देश ने इतने कम सालों में इतना ज्यादा विकास नहीं किया था ,वही दुबई शहर की बात करें अब इस शहर में दुनिया के सबसे अच्छी सड़के और अत्यधिक मेट्रो नजर आती है और दुनिया भर के पर्यटक और कारोबारी लोग जिनके प्राथमिकता पहले लंदन पेरिस और न्यूयॉर्क होते थे अब वो दुबई जाना पसन्द करते है।

लेकिन हाल के दिनों में दुबई इन दिनों भीषण बाढ़ और बारिश से डूबा हुआ पड़ा है और गली मोहल्ले और आलीशान टावर सब बारिश की चपेट में है वही यहां पर पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही है ,बारिश से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे रेगिस्तानी इलाके में ऐसे हालात पैदा होना पूरी दुनिया के लिए एक आश्चर्य की बात है।

दुबई में भारी बारिश और बाढ़ के क्या कारण हैं।

कोई इसे आर्टिफिशियल रेनफॉल यानी कि कृत्रिम बारिश का नतीजा मान रहा है तो कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह क्लाइमेट चेंज का नतीजा है , क्या वजह है रेगिस्तान जैसे इस शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं ?

दुबई शहर संयुक्त अरब अमीरात का एक तटीय शहर है आमतौर पर यहां का मौसम शुष्क बना रहता है हालांकि साल भर में यहां औसतन बहुत ही कम बारिश होती है, यहां पर कभी-कभी तेज बारिश देखने को मिलती है ,दिल्ली यूनिवर्सिटी के एनवायरमेंटल स्टडी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर का इस पर कहना है कि दुबई या सऊदी अरब के इन रेगिस्तानी इलाकों का वातावरण बीते 20 सालों से काफी खराब स्थिति से गुजर रहा है यहां का मौसम प्राकृतिक रूप से काफी शुष्क है।

जिसको संतुलित करने के लिए वहां पर कैक्टस फैमिली के पेड़ पौधे जैसे नागफनी एलोवेरा वातावरण को संतुलित करने का काम करते हैं ,इन पौधों को जीरो फाइट्स भी कहते हैं इन पौधों की खास विशेषता होती है इनकी पत्तियां काफी मोटी और कांटेदार होती है और यह अपने अंदर नमी को अवशोषित किया रहती है और उनकी लंबी जड़े पानी की तलाश में वातावरण को बिगाड़ दिया गया है ,ऐसे में यहां पर आर्टिफिशियल बारिश कराई जाती है जिसे क्लाउड सीडिंग भी कहते हैं और इसी बारिश की वजह से बाढ़ के हालात बन गए हैं।

इसके अलावा बाढ़ की एक और वजह जो सामने आई है वह है रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाने वाले स्थान सैंडयान एक तरह से रेत के टीले होते हैं जहां पर बारिश का पानी जमा होता रहता है और टावर बनाने के नाम पर खुले इलाकों में पाए जाने वाले इन रेट के टीलो को खत्म किया जा रहा है ऐसे में रेत के इन टीलो के हटाए जाने से पूरे शहर में पानी भर रहा है एक तरह से यह भी इकोसिस्टम बिगाड़ने का ही काम कर रहा है।

वही कृत्रिम बारिश के लिए बादलों के पास केमिकल का बौछार कराया जाता है ऐसे बादल एक जगह इकट्ठा होकर बरसने लगते हैं ,अगर बादल काफी ज्यादा हो गए और इन केमिकल्स की बौछार कर दी जाए तो बादल फट भी सकते हैं जैसे शहर में अचानक बाढ़ आ सकती है।

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