तपती गर्मी से मिल सकती हैं राहत /आई एम डी ( IMD) ने कहा ” दिल्ली और यूपी के इलाको में हो सकती हैं ओलो के साथ भारी तूफानी बारिश का अनुमान !

तपती गर्मी को लेकर उत्तर भारत के लोगो में असंतोष बना हुआ हैं,दो महीनो में गर्मी मौसम के अपने चरम पर था, जलवायु परिवर्तन के रिपोर्ट आंकड़ों की माने तो 2024 विगत दस सालों में सबसे गर्म साल रहेगा, जहां तापमान बढ़ोतरी के साथ साथ लूं कि अधिकतम संख्या देखने को मिलेगी , ऐसे में दिल्ली और यूपी में बारिश की उम्मीद से थोड़ी राहत मिल सकती सकती है, आई एम डी के अनुमान के अनुसार आज हो सकती दिल्ली और यूपी के इलाको में बारिश!

क्या है पूरी ख़बर

उत्तर भारत में तपती गर्मी पड़ रही है लेकिन आज से मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, आज दिल्ली और यूपी के इलाको मे बारिश होने की संभावना है, भारतीय मौसम विज्ञान अनुसंधान ( IMD) के अनुसार आज उत्तर भारत के इलाको में भारी बारिश होने की संभावना है ! 14 से 15 अप्रैल तक तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट होगी, ऐसे में पूरा अप्रैल का महीना राहत से भरा होगा !

जहां पिछ्ले कुछ महीनों में तपती गर्मी अपने चरम पर थी खास कर उत्तर भारत के इलाको मे गर्मी सबसे ज्यादा पड़ रहीं थी…. वहीं तेज बारिश और ओलो से लोगो को राहत मिलेगी!

साथ ही साथ तूफान और ओले भी पड़ सकते हैं, “आईएमडी ने कहा है कि उत्तर भारत में 13 अप्रैल से मौसम का मिजाज बदलेगा, साथ ही साथ एमपी, छत्तीस गढ़, विदर्भ, इन इलाको मे भी तेज़ बारिश और आधी तूफान और बिजली कि संभावना है!

पश्चिमी विक्षोभ ( वेस्टर्न डिस्टरबेंस) के कारण बदल रहा है उत्तर भारत का मौसम:

यह एक गैर-मानसूनी वर्षा पैटर्न है जो वायुमंडल की निचली परतों में निम्न दबाव प्रणाली को प्रेरित करता है । इससे अंततः मैदानों में वर्षा और पहाड़ों में बर्फबारी होती है।

सरल शब्दों में कहें तो पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागरीय में उठने वाली वायु धारा है , जो इरान ,इराक, पाकिस्तान को पार करती हुए भारत के उत्तरी इलाको में बारिश करती है, चूंकि भारतीय संबंध में ये हवाएं पश्चिम कि तरफ से आती है इसलिए इसे पश्चिमी विक्षोभ ( वेस्टर्न डिस्टरबेंस) कहते हैं!

क्यो बदल रहा है मौसम का पैटर्न

आई पी सी सी कि जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट की माने तो लगातार दशकों में जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जहां साल लगातार गर्म होते जा रहे है, बर्फीले इलाके तेजी से पिघल रहे हैं, और पानी के स्रोत सूख रहे है और साल 2024 तो अब तक का सबसे गर्म महीना माना जा रहा है!

जलवायु परिवर्तन ने मौसम के मिजाज पर असर डाला है , इस साल जाड़े का मौसम भी बहुत गहरा नही था , जानकारों का मानना है कि जैसे जैसे जलवायु परिवर्तन हो रहा है वैसे वैसे गर्मी का असर बढ़ता जा रहा है और जाड़े का असर कम होता जा रहा है!

लेकिन फिल्हाल पश्चिमी विक्षोभ के कारण होने वाली बारिश तपती गर्मी से राहत देगी , क्युकी तपती गर्मी लोगो के कार्य करने की क्षमता को कम करते हैं और साथ ही साथ बीमार पड़ने की संभावना अधिक रहती हैं, लोगो को बारिश उम्मीद लम्बे समय से थी !

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