BJP and riots in West Bengal,ममता बनर्जी ने पहले ही दी थी चेतावनी, बीजेपी को लेनी होगी ज़िम्मेदारी।

BJP और अन्य पार्टियां चुनाव को लेकर राजनैतिक पार्टियां बहुत ही सक्रिय है , ऐसे में सारी राजनैतिक पार्टियां जमीनी स्तर से जुड़ कर जनता को संबोधित कर रहे थे, वही BJP और अन्य पार्टी धर्म का मुद्दा बना रही है तो वही लोकसभा के चुनाव आज से शुरु हो चुके हैं लेकिन लोकसभा चुनाव महीनों से राजनैतिक पार्टियों के रैलियों और चुनाव प्रचार हेतु अधिक जाना जाता है लेकिन इन्ही चुनावी प्रचार में वाद विवाद उस सीमा तक बढ़ जाते है जहां से हिसंक घटनाएं देखने को मिलने ही लगती हैं ऐसी ही हिंसक घटना पश्चिम बंगाल के मुर्शिदा बाद से देखने को मिल रही है।

क्या है पूरा मामला।

BJP पार्टी को लेकर चुनाव में जुबानी वाद विवाद अपने चरम पर था, जहां BJP अपने कार्यों को गिनाने में पीछे नही थी वही विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी के ऊपर आरोप लगाने से पीछे नही हट रही हैं। पिछ्ले कुछ दिनों पहले लोकसभा चुनाव को लेकर ममता बनर्जी ने एक धार्मिक रुप से भड़काऊ बात कह कर BJP के ऊपर आरोप लगाया था। पश्चिम बंगाल कि मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि “”””रामनवमी के अवसर पर BJP ने जान बूझ कर मुर्शिदाबाद के ऑफिसर का ट्रांसफर कर दिया ताकि सांप्रदायिक दंगे हो सके।

आगे ममता बनर्जी ने कहा कि अगर रामनवमी के दिन सांप्रदायिक दंगे होते है मुर्शिदाबाद के अंदर तो उसकी ज़िम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी को लेनी पड़ेगी।

वही रामनवमी के दूसरे दिन BJP के नेता अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कुछ वीडियो साझा करके ये दावा कर रहे हैं कि मुर्शिदाबाद में रामनवमी के दिन पत्थरबाजी हुई है और दंगे हुए हैं। साथ ही साथ B J P के नेता ये भी आरोप लगा रहें हैं कि मुर्शिदाबाद में हो रहे दंगे को ममता सरकार छिपा रही है।

हलांकि अभी पश्चिम बंगाल सरकार कि तरफ़ से इन आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया गया है और न ये अभी ये कन्फर्म हुआ है कि BJP के नेताओ द्वारा साझा किए गए वीडियो इसी साल के है पिछ्ले साल के रामनवमी के वीडियो है।

सवाल ये है कि BJP के नेताओ द्वारा साझा किया गया वीडियो सही है या सिर्फ राजनैतिक रोटियां सेकने के लिए बीजेपी और टीएमसी धार्मिक त्यौहार का सहारा ले रही है।

यहां धर्म में राजनीति का प्रयोग किया जा रहा है न सिर्फ़ BJP अपितु अन्य सारी राजनैतिक पार्टियां धर्म को राजनीति में प्रयोग कर रही है , रामनवमी के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रधानमंत्री असम गए थे लोकसभा चुनाव का प्रचार करने के लिए वहा प्रधानमंत्री ने अयोध्या में बन रहे राममंदिर का जिक्र किया और कहा “”हम सौभाग्य शाली है जो अयोध्या में रामनवमी राम के मंदिर में मना पा रहें है।

वही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूत विपक्ष के रुप में उभर रही है राहुल गांधी ने प्रधानमन्त्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि “”””आखिर कब BJP राम के नाम पर देश कि जनता को आकर्षित करेगी।

लेकिन इन सभी वाद विवादो के पीछे इतना जरूर सच है कि राजनैतिक पार्टियां धर्म का प्रयोग राजनीति में करती है और जनता को धार्मिक रुप से आकर्षित करती है जबकि मुद्दा विकास कार्यों का होना चाहिए।

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